सच्चा रिव्यू: कैसे निजात पाएँ हेलिकोबैक्टर पायलोरी से और एक महीने में पेट के अल्सर ठीक करें
इससे मुझे फायदा हुआ और आपको भी होगा।
हमारे सभी पाठकों को नमस्कार!
मैंने कभी रिव्यू नहीं दिए, इसलिए पहली बार अपना खुद का रिव्यू लिख रहा हूँ और मुझे इंटरनेट पर दूसरे लोगों को देखकर प्रेरणा मिली है।
बैकस्टोरी
यदि मैं ये कहूँ कि मैं एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के यहाँ कैसे पहुंचा जहां मेरी खाने की नली में एक गैस्ट्रोस्कोप डालना पड़ा था तो यह झूठ होगा। आम तौर पर मेरा दिन शुरू होता है कड़क कॉफी और जल्दी-जल्दी में थोड़े पैक्ड नाश्ते से। दिन में भी मुझे बाहर का ही खाना खाना पड़ता है। मेरे लिए खाना बनाने के लिए मेरी बीवी तो थी नहीं, और न मुझे खाना बनाना आता था। बाहर का खाना खाने, रोज 2 बॉटल कोला और एक डिब्बी सिग्रेट पीने का मतलब था - गैस्ट्राइटिस।
दोस्तों के साथ मेरा सामान्य डिनर
4 साल पहले डॉक्टर ने मेरी बीमारी पहचान ली थी और तभी से मुझे गोलियां खानी पड़ रही थीं। जिसे भी गैस्ट्राइटिस से पेट में जलन और दर्द हुआ है वह इसका कारण अच्छे से समझता है - हेलिकोबैक्टर पायलोरी। इससे निजात पाना बहुत मुश्किल होता है। इस जीवाणु ने शरीर के अनुसार ढलना सीख लिया है और ये एंटीबायोटिक्स भी झेल जाता है। मेरे साथ भी बिल्कुल यही हुआ। इसलिए मुझे भी इतने सालों से पेट में जलन, खट्टी डकारें, पेट फूलना और पेट दर्द हमेशा परेशान करते रहे। इन परेशानियों के साथ जीना बहुत मुश्किल होता है। मेरे मुंह से भी बहुत गंदी बदबू आती थी जिससे ऑफिस के लोग भी दूर भागते थे।
ठीक होगा या नहीं, यही सवाल है
दवाइयाँ (मुझे इनकी पूरी लिस्ट बनानी पड़ेगी: पेट में जलन, पेट फूलना, दर्द की दवाइयाँ, एंटीबायोटिक्स, प्रोबायोटिक्स, विटामिन और हर्बल इंफ्यूशन – हर चीज के लिए डॉक्टर के पर्चे) कई बार आराम देती थी। कई बार तो मेरा पेट गुब्बारे जैसा फूल जाता था। पेट में इतना दर्द होता था कि ऐसा लगता था कोई अंदर से चाकू से काट रहा हो। कई बार दर्द 2-3 दिन तक चलता रहता था और मैं इतना असहाय हो जाता था जैसे जला में फंसी मछली। लेकिन इसके बाद भी मैं अस्पताल नहीं गया। आलस कह लीजिए या बेवकूफी।
बीमारी की पहचान
एक दिन इतनी हालत खराब हो गई कि बेहोश हो गया और जब आँख खुली तो खुद को एक अस्पताल के गैस्टरोएंटेरोलॉजी डिपार्टमेंट में पाया। जैसे ही आँख खुली तो डॉक्टर ने मेरे मुंह में एक एंडोस्कोप घुसाकर अंदर की जांच शुरू कर दी। पता चला पेट में 2 पेट के अल्सर (0.1 और 0.2 इंच) और 1 ड्यूडोनल अल्सर (0.2 इंच) थे। स्थिती चिंताजनक थी।
उस दिन ऑफिस जाने पर मेरा शरीर इसका अटैक झेल नहीं पाया था और मैं बेहोश हो गया था। ऑफिस के लोगों ने एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल पहुंचा दिया था। मैं खुश हूँ कि ऑफिस में था, यदि घर पर बेहोश हुआ होता तो शायद जिंदा नहीं बचता।
जब डॉक्टर ने मुझसे पूछा कि मैं अस्पताल पहले क्यों नहीं आया था तो मैंने उन्हें अपने फोन पर अपने पेट के डॉक्टर का पर्चा दिखाया। अस्पताल का डॉक्टर उसे देखकर गुस्से से भर गया। उसने बताया कि मेरा पिछला इलाज बिल्कुल पुराने तरीके से चल रहा था। इसलिए इनके भरोसे ठीक होने का सपना देखना ऐसा था मानो किसी चमत्कार की उम्मीद करना।
मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ जब लंबी लिस्ट की जगह डॉक्टर ने बस एक चीज बताई थी - Biolactonix । डॉक्टर ने बताया था कि यह गैस्ट्राइटिस और अल्सर के इलाज के लिए यह एक मॉडर्न और बहुत अच्छा प्रोडक्ट है और आज के दिन इससे बेहतर चीज मार्केट में नहीं है।
अब मैं हमेशा इसे उपयोग करता हूँ
उपयोग के सिद्धान्त BIOLACTONIX
- - बीमारी के कारण को खत्म कर देती है - हेलिकोबैक्टर पायलोरी
- बैक्टीरिया की आंतों और खाने की नाली से चिपकने की क्षमता कम कर देती है
- - बैक्टीरिया शरीर से बाहर कर देती है जो गुदाद्वार के रास्ते से बाहर चले जाते हैं
- - ठीक करती है पेट और ड्यूडोनम के एसिडिटी की वजह से खराब हो चुके म्यूकस टिशू ठीक कर देती है
- - पाचन तेज कर देती है
- - वापस लाती है आंतों के स्वस्थ बैक्टीरिया
- - एसिडिटी कम करती है
- - रोकती है पेट फूलना
- - दर्द के लक्षणों में आराम देता है
- - ठीक करती है अल्सर
- - रोग प्रतिरोधी क्षमता बेहतर करती है और बीमारी वापस आने की रोकथाम करती है
इलाज: कोशिश #2
मैं Biolactonix के 2 कैप्सूल रोज ले रहा था। डॉक्टर ने मुझे यह भी कहा था कि खाना कम से कम 20 मिनट तक चबाना है। और कोई परहेज नहीं बताई गई थी बस कड़े, ज़्यादा नमक और बहुत मसालेदार खाने नहीं लेने थे।
मैंने पहली चीज ये देखी कि अब आधा खाना खाने पर ही पेट भर जाता था। मै भूख लगने पर कुछ न कुछ खाता रहता था और भूख शांत ही नहीं होती थी। मैं बहुत ज़्यादा खाना खाता था और सांस लेने में भी परेशानी होती थी। पेट में जलन, फूलना और गैस जल्दी ही चले गए। तुरंत तो नहीं पर एक हफ्ते में आराम मिल गया था।
लंबे समय से रोज सुबह पेट में दर्द होता था (भूख के कारण) जो Biolactonix लेने के तीसरे हफ्ते के बाद से कम होने लगा। लेकिन डॉक्टर बोला कि यह नॉर्मल था क्योंकि मेरी बीमारी बहुत बढ़ चुकी थी, और इसके बाद यदि हर हफ्ते प्रोग्रेस लिखनी नहीं पड़ती तो शायद बीमारी याद भी नहीं रहती।
अब बहुत अच्छा लगता था। मेरा फिगर भी ठीक हो गया था और मैं बहुत पतला हो गया था - पेट पतला हो गया था और आँखों के नीचे के काले घेरे भी चले गए थे। अब चेहरे पर एक मुस्कान आ गई थी।
फाइनल गैस्ट्रोस्कोपी ने कन्फ़र्म कर दिया - अब कोई अल्सर नहीं थे।
- - इलाज के पहले दिन से रिज़ल्ट
- - मुझे सिग्रेट पूरी तरह छोड़नी भी नहीं पड़ी
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